होम्योपैथी का दूसरा सिद्धांत: शक्तिकरण (Potentization)
जानिए होम्योपैथी का दूसरा सिद्धांत 'शक्तिकरण' (Potentization) क्या है, हनीमैंन ने कम मात्रा में औषधि की शक्ति कैसे बढ़ाई, और मर्दन व आलोड़न का क्या महत्व है।
🧪 समः समं शमयति के बाद — दूसरा सिद्धांत
'समः समं शमयति' के बाद होम्योपैथी का दूसरा सिद्धांत ‘शक्तिकरण’ (Potentization) का सिद्धांत है।
👨⚕️ हनीमैंन का प्रारंभिक अभ्यास और अनुभव
शुरू-शुरू में हनीमैंन सम-सिद्धांत के अनुसार तो औषधि देते थे,
परन्तु नक्स वोमिका 4 ग्रेन, सिक्कोना 2 ग्रेन आदि के रूप में एलोपैथिक ढंग से ही औषधि की मात्रा देते थे।
इससे उन्होंने अनुभव किया कि रोग के अच्छा हो जाने पर भी शुरू में रोग कुछ बढ़ जाता था।
📉 औषधि की मात्रा क्यों घटाई गई?
इस दोष को दूर करने के लिये उन्होंने औषधि की मात्रा घटानी शुरू की।
उन्हें यह अनुभव हुआ कि:
औषधि की मात्रा घटाने पर उसकी रोग को दूर करने की शक्ति बढ़ जाती थी।
⚖️ औषधि की मात्रा कम करने के माध्यम
औषधि की मात्रा स्थूल रूप में कहाँ तक कम की जा सकती थी?
इसके लिये उन्होंने दो माध्यमों का सहारा लिया:
‘दूध की शर्करा’ (Sugar of Milk)
‘अल्कोहोल’ (Alcohol)
⚙️ मर्दन (Trituration) और आलोड़न (Succussion) की प्रक्रिया
➤ दूध की शर्करा में मर्दन (Trituration):
जब औषधि के अंश को कम करने के लिये इसे शर्करा में मिलाकर एकसार किया जाता था, तो यह एक विशेष प्रक्रिया बन गई।
➤ अल्कोहोल में जोर से आलोड़न (Succussion):
जब औषधि को अल्कोहोल में डालकर जोर से हिलाया (Shake) जाता था — इसे Succussion कहा गया।
🔍 हनीमैंन की खोज: कम मात्रा = अधिक शक्ति?
हनीमैंन ने अनुभव किया कि:
- * मर्दन और आलोड़न की प्रक्रिया से, औषधि केवल अधिक सूक्ष्म मात्रा में ही प्रभावी नहीं होती,
- * बल्कि इस प्रक्रिया से औषधि की कार्य-शक्ति भी बढ़ जाती है।
🔁 शक्तिकरण की वैज्ञानिक पद्धति
जैसे प्रथम सिद्धांत (सम: समं शमयति) को क्रियात्मक रूप देने के लिये हनीमैंन ने ‘औषधि-सिद्धि’ या ‘Proving’ की पद्धति को जन्म दिया था,
वैसे ही इस दूसरे सिद्धांत (शक्तिकरण) को क्रिया रूप देने के लिये उन्होंने ये प्रक्रियाएँ अपनाईं:
- * मर्दन (Trituration)
- * आलोड़न (Succussion)
🔼 क्या होता है शक्तिकरण में?
औषधियों को शक्ति बढ़ाने की इस पद्धति में:
औषधि की मात्रा कम होती जाती थी, किन्तु
उसकी रोग को दूर करने की शक्ति बढ़ जाती थी।
✅ निष्कर्ष (Conclusion)
- * शक्तिकरण (Potentization) होम्योपैथी की मूलभूत प्रणाली है,
- * जिसमें कम मात्रा की औषधि अधिक प्रभाव डालती है, यदि उसे वैज्ञानिक विधियों से तैयार किया गया हो,
- * हनीमैंन द्वारा विकसित यह पद्धति, Paradoxical लगने के बावजूद, व्यावहारिक परिणामों के आधार पर सिद्ध हुई है।