Chelidonium Majus – चेलिडोनियम मेजस
Chelidonium लिवर की बीमारियों, पीलिया (Jaundice) और पित्ताश्मरी (Gallstones) की अचूक दवा है। इसका मुख्य लक्षण 'दाहिने कंधे के नीचे दर्द' होना है। जानें इसके उपयोग और लक्षण।
Chelidonium Majus, जिसे संक्षेप में Chelidonium कहा जाता है, होम्योपैथी में यकृत (Liver) और पित्त (Bile) से जुड़े रोगों की एक महान औषधि है।
1. दाहिने स्कन्ध-फलक के निचले अंश में लगातार दर्द (Pain under Right Scapula)
- जिस प्रकार Ceanothus (सियोनोथस) तिल्ली (Spleen) की दवा है, वैसे ही यह जिगर (Liver) की बीमारी की दवा है।
मुख्य लक्षण:
- इसका असर बहुत गहरा नहीं होता, परन्तु जिगर पर इसका विशेष प्रभाव है, और इसका मुख्य-लक्षण (Keynote Symptom) है: "पीठ के पीछे दाहिने कन्धे की तरफ़ जो अस्थि-फलक (Scapula/Shoulder Blade) है, उसके नीचे लगातार दर्द होते रहना।"
- यह दर्द जिगर की बीमारी के कारण होता है। दर्द हल्का भी हो सकता है, और तेज़ (Severe) भी।
- इस लक्षण के साथ पीलिया (Jaundice), खांसी (Cough), अतिसार (Diarrhea), न्यूमोनिया (Pneumonia), रजोधर्म (Menses), थकावट (Fatigue) आदि की कोई भी शिकायत हो सकती है। परन्तु अगर किसी भी शिकायत के साथ उक्त-लक्षण (दाहिने कंधे के नीचे दर्द) मौजूद हों, तो यह औषधि अवश्य लाभ करेगी।
लिवर के लक्षण:
- हो सकता है कि रोगी का मुख का स्वाद कड़वा (Bitter taste) हो, जीभ बिल्कुल पीली (Yellow coated tongue) हो, आंख की सफेदी में पीलिमा (Yellowness in sclera) आ जाए, चेहरा, हाथ, त्वचा पीली पड़ जाएं, मल (Stool) सफेद या पीला हो, मूत्र (Urine) गहरा पीला हो, भूख न रहे, जी मिचलाये (Nausea), और पित्त की उल्टी (Bilious vomiting) हो।
- ऐसी हालत में अगर दाहिने कन्धे के अस्थि-फलक के निचले हिस्से में दर्द न भी हो, तो भी जिगर (Liver) की बीमारी होने के कारण Chelidonium फायदा करेगा, क्योंकि Carduus Marianus (कारडुअस) की तरह यह भी मुख्य तौर पर जिगर की बीमारी की ही दवा है।
- क्रॉनिक केस: अगर रोग पुराना (Chronic) हो गया है, तो Lycopodium (लाइकोपोडियम) लाभप्रद रहता है।
बाईं तरफ के दर्द के लिए अन्य औषधियां (Comparison with Left Side Pain)
- कभी-कभी दाहिने अस्थि-फलक के निचले अंश में दर्द होने के बजाय बायें (Left) अस्थि-फलक के निचले अंश में भी वैसा ही दर्द हो जाता है। ऐसे दर्द में Oxalic Acid (औग्जैलिक ऐसिड) लाभ करता है।
- डॉ. नैश (Dr. Nash) का अनुभव है कि Chelidonium के स्थान (दाहिनी तरफ) के विपरीत यदि दर्द बाईं (Left) तरफ हो, तो Chenopodium Glauci (चेनोपोडियम ग्लाउसाई) लाभ करता है।
अंतर:
- एक दवा Chenopodium Anthelminticum (चेनोपोडियम ऐनथैलमिनिकम) भी है, परन्तु इन दोनों चेनोपोडियम में 'ग्लाउसाई' वाला चेनोपोडियम ही बाएं कंधे की फलकास्थि (Scapula) के निम्न-भाग के दर्द को ठीक करता है।
- दूसरा 'ऐनथैलमिनिकम' वाला चेनोपोडियम तो Chelidonium की तरह दायीं तरफ के दर्द पर ही प्रभाव करता है।
- डॉ. नैश ने अपने अनुभव से लिखा है कि Chenopodium Glauci से उन्होंने बाएं कंधे का इस प्रकार का कई साल पुराना दर्द ठीक किया था।
- इस बाईं तरफ के दर्द में Sanguinaria (सैंग्विनेरिया) भी लाभप्रद है।
निष्कर्ष:
- हाँ, दायीं तरफ के दर्द में Chelidonium ही लाभ करता है, यह औषधि मुख्यतः शरीर के दायें हिस्से (Right side of body) पर ही प्रभाव करती है।
2. Chelidonium और Lycopodium की तुलना
- ये दोनों दायीं तरफ़ (Right sided) की औषधियां हैं। अनेक लक्षणों में इनकी समानता पायी जाती है।
अंतर:
- Chelidonium स्वल्पकालिक (Short-acting/Acute) दवा है, इसका असर उतना गहरा नहीं होता। अगर इस औषधि से जिगर का रोग ठीक न हो, तब Lycopodium देने की जरूरत पड़ जाती है। वह गहराई में जाने वाली (Deep acting/Chronic) दवा है।
- जिगर के रोग को दूर करके जिस काम को Chelidonium अधूरा छोड़ देती है, उसे Lycopodium पूरा कर देती है।
समानता:
- Lycopodium की तरह इस औषधि का रोगी भी तेज-गर्म (Hot) चीज पीना या खाना चाहता है।
3. पित्त-पथरी का दर्द (Gall-stone Colic)
- पित्ताशय (Gallbladder) से पित्त की पथरी छोटी-सी प्रणालिका (Duct) में जब फंस जाती है, तो रोगी को असीम पीड़ा होती है।
- Chelidonium इस प्रणालिका को खोल देती है और पित्त-पथरी (Gallstone) बिना दर्द के आगे निकल जाती है।
- यह पित्त शूल (Biliary colic) की बेहतरीन दवा है।
4. दायीं तरफ का न्यूमोनिया (Right-sided Pneumonia)
- यह औषधि दायीं तरफ प्रभाव करती है। दाईं आंख, दायां फेफड़ा (Right Lung), दाईं टांग, दाईं जांघ। न्यूमोनिया में भी इसका दायें फेफड़े पर प्रभाव दीखता है।
- बच्चों के रोगों की पुस्तकों में न्यूमोनिया का ज़िक्र आता है, वहां यह भी लिखा होता है कि Chelidonium का न्यूमोनिया की औषधियों में विशेष स्थान है।
- डॉ. केंट (Dr. Kent) का कहना है कि न्यूमोनिया में इसका श्रीगणेश (Beginning) दायें फेफड़े से होता है, दायीं तरफ दर्द शुरू होता है, तब कुछ बायें हिस्से की तरफ चला जाता है। (Lycopodium का भी तो दायें से बायें जाने का लक्षण है)।
- इस न्यूमोनिया का जिगर (Liver) की विकृति (Liver affection) से कुछ-न-कुछ संबंध होता है। इसे 'Bilious Pneumonia' भी कहते हैं। न्यूमोनिया में भी दायें स्कन्ध-फलक के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है।
5. आंख के रोगों के लिए (Eye Diseases)
- श्रीमती टायलर (Dr. Tyler) के अनुसार डॉ. कलपेपर (Dr. Culpeper) लिखते हैं कि ग्रीक-भाषा में 'चेलिडोन' (Chelidon) का अर्थ है—'चिड़िया' (Swallow bird)।
- वे लोग कहते थे कि यदि चिड़िया के बच्चे की आंख चली जाए, तो Chelidonium (पौधे के रस) से उसके मां-बाप उसकी नयी आंख बना सकते हैं। तभी 'चेलिडोन' से 'चेलिडोनियम' शब्द बना है।
- कलपेपर का कहना है कि इसकी मरहम से आंख का हर रोग दूर हो जाता है, मोतिया (Cataract) तक।
6. शक्ति तथा प्रकृति (Potency and Nature)
शक्ति:
- मूल-अर्क (Mother Tincture - Q), 6, 30, 200।
गर्म पेय की इच्छा:
- रोगी ठंडा पानी नहीं पी सकता। उबलता-सा गर्म पेय (Boiling hot drink) हो, तभी पेट में ठहरता है।
प्रकृति:
- रोगी 'सर्द' (Chilly) है (उसे ठंड लगती है)।
खाने से आराम:
* Anacardium, Petroleum, Graphites की तरह यह रोगी खाली पेट नहीं रह सकता; खाना खाने से इसे आराम मिलता है (Amelioration by eating)।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: Chelidonium और Lycopodium में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर: दोनों लिवर और दाईं तरफ की दवाएं हैं। लेकिन Chelidonium एक 'एक्यूट' (Acute) दवा है जो तुरंत राहत देती है, जबकि Lycopodium एक 'क्रॉनिक' (Chronic) दवा है जो बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए बाद में दी जाती है।
प्रश्न 2: क्या यह दवा पित्त की थैली की पथरी (Gallstone) को घोल सकती है?
उत्तर: यह दवा पित्त (Bile) को पतला करती है और नली (Duct) को फैलाती है, जिससे छोटी पथरियां निकल सकती हैं और दर्द (Colic) में तुरंत आराम मिलता है।
प्रश्न 3: "दाहिने कंधे के नीचे दर्द" का क्या मतलब है?
उत्तर: यह इस दवा का 'की-नोट' (Keynote) लक्षण है। यदि किसी व्यक्ति को लिवर की समस्या के साथ पीठ में दाहिनी तरफ की हड्डी (Scapula) के निचले कोने पर लगातार दर्द हो, तो Chelidonium उसकी सबसे सटीक दवा है।