Chamomilla (Chamomile) – कैमोमिला
कैमोमिला बच्चों की चिड़चिड़ाहट, दाँत निकलने की समस्याओं और दर्द के लिए मशहूर दवा है। यह बच्चों के लिए सबसे अच्छी होम्योपैथी दवा है।
Chamomilla होम्योपैथी की उन दवाओं में से एक है जो बच्चों के रोगों और स्वभावगत समस्याओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
व्यापक-लक्षणों की सूची (List of Generals and Particulars)
- मानसिक-लक्षण (Mental Symptoms): क्रोध (Anger), चिड़चिड़ापन (Irritability); बच्चा गोद में रहना चाहता है।
- दर्द (Pain): जरूरत से ज्यादा अनुभव करना (Oversensitivity to pain)।
- बच्चों की दांत निकलने के समय की शिकायतें (Teething Troubles): कान का दर्द (Earache), पेट का दर्द (Colic), ऐंठन (Convulsions), हरे घास के-से दस्त (Greenish stools)।
प्रकृति (Modalities)
लक्षणों में कमी (Better):
- गोद में लेने या टहलाने (Being carried) से।
- न गर्म, न सर्द मौसम में।
लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- क्रोध (Anger) और मानसिक उत्तेजना से।
- ठंडी हवा (Cold air) से।
- रात (Night) के समय कष्ट बढ़ना।
- दांत निकलते समय।
1. मानसिक-लक्षण: क्रोध और चिड़चिड़ापन
- यह औषधि बच्चों के दांत निकलने के समय की शिकायतों के लिये सर्वत्र प्रसिद्ध (Globally famous) है, परन्तु मुख्य तौर पर इसके लक्षण मानसिक (Mental) हैं।
- दांत निकलने के समय भी जो लक्षण प्रकट होते हैं, उनके आधार में दांत काटने के कारण जो खिजलाहट, दर्द और परेशानी होती है, वही उन लक्षणों को उत्पन्न करती है।
- इसे क्रोध की मुख्य दवा कहा जा सकता है। क्रोध के आवेश (Impulse of anger) से जो रोग उत्पन्न हो सकते हैं, वे इसके क्षेत्र में हैं।
- Aconite में रक्त-संचार में तूफ़ान (Turmoil in circulation) आता है, Belladonna में मस्तिष्क में तूफान (Turmoil in brain) आता है, और Chamomilla में स्वभाव में तूफान (Turmoil in temper) आ जाता है।
- डॉ. क्लार्क (Dr. Clarke) ने इन तीनों दवाओं को 'Nursery A.B.C. drugs' कहा है। A का अर्थ एकोनाइट (Aconite), B का अर्थ बेलाडोना (Belladonna) और C का अर्थ कैमोमिला(Chamomilla)। बच्चों के रोगों में इन तीन दवाओं का अधिक प्रयोग होता है।
बच्चों में कैमोमिला के मानसिक-लक्षण:
- बच्चा जो चीज मांगता है फेंक देता है, गोद में ही रहना चाहता है।
- कैमोमिला के बच्चों को पहचानना कठिन नहीं है। वह खुद तो बोल नहीं सकता, परन्तु अपनी चेष्टाओं (Gestures) से साफ़ बोल रहा होता है कि उसे कितना क्रोध और चिड़चिड़ाहट है।
- वह कभी इस चीज़ की तरफ़ हाथ बढ़ाता है, कभी उस चीज़ की तरफ़, और जब उसे वह चीज पकड़ा दी जाती है तब उसे दे पटकता है, लगातार चिल्लाया करता है। दांत निकलने की पीड़ा और खीझ के कारण उसके भीतर जो खिजाहट पैछा हो रही होती है, उसी से उसकी यह परेशानी होती है।
- उसे स्वयं नहीं मालूम होता कि वह क्या चाहता है, परन्तु होम्योपैथ को पता होता है कि उसे Chamomilla 30 की एक मात्रा की जरूरत है। इसी मीठी गोली के मुँह में जाते ही 5 मिनट में वह शान्त हो जाता है।
गोद में रहना (Desire to be carried):
- बच्चा जब तक गोद में रहता है तब तक चुप रहता है, अन्यथा चिल्लाता रहता है। गोद में से उतारने से चिल्लाने लगना इस औषधि का विशेष लक्षण है।
- कभी-कभी वह एक व्यक्ति की गोद से दूसरे की गोद में जाने को हाथ फैलाता है, पर कहीं भी उसे शान्ति नहीं मिलती।
वयस्कों में मानसिक-लक्षण:
- युवा तथा युवती भी जब क्रोध या चिड़चिड़ेपन के शिकार हों, तब यह औषधि चमत्कार करती है।
- Chamomilla की रोगिन-स्त्री एकदम उबल उठती है, गाली बकने लगती है। वह महसूस करती है कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए, परंतु वह अपने स्वभाव को रोक नहीं सकती। अपने निकटतम सम्बन्धियों और मित्रों तक को खिजाहट (Snappishness) भरे उत्तर देती है।
- एक चिकित्सक का कहना है कि जब पति तथा पत्नी एक-दूसरे से झगड़ते रहा करें, झट से क्रोधपूर्ण तथा खिजाहटभरा उत्तर देने के आदी हो जायें, तो उन्हें समझाने की अपेक्षा कैमोमिला देना ज्यादा सफल हो सकता है।
- क्रोध की अन्य औषधियां हैं: एकोनाइट, ब्रायोनिया, कोलोसिन्थिस , इग्नेशिया, लाइकोपोडियम, नक्स वोमिका तथा स्टैफिसैग्रिया। लक्षणानुसार इन्हें देने से आवेश में आये हुए मनुष्य का क्रोध शान्त हो जाता है।
इन्फ्लुएन्जा, दमा आदि में चिड़चिड़ापन (Irritability in Influenza, Asthma etc.):
- डॉ. टायलर (Dr. Tyler) लिखती हैं कि एक रोगी इन्फ्लुएन्जा (Influenza) से पीड़ित था। उसे ठीक होने में देर लग रही थी। वह एकदम इतना चिड़चिड़ा हो गया कि हद से बाहर। कैमोमिला (Chamomilla) से उसका चिड़चिड़ापन ही नहीं दूर हो गया, उसका ज्वर (Fever) भी उतर गया। इसी प्रकार उन्होंने दमे (Asthma) के एक रोगी का जिक्र किया है। रोगी को दमा था, परन्तु वह बेहद चिड़चिड़ा हो रहा था। कैमोमिला से उसकी चिड़चिड़ाहट दूर हो गई।
- हनीमैन (Hahnemann) का कथन है कि जो रोगी अपने कष्ट को सहनशीलता (Patience) से बर्दाश्त कर रहा हो, उसे न तो एकोनाइट (Aconite) देना चाहिए, न कैमोमिला। सहनशीलता इन दोनों औषधियों से दूर रहती है। जिस रोग में कैमोमिला निर्दिष्ट (Indicated) होगा, उसमें कुछ ही मिनटों में यह अपना प्रभाव दिखा देगा।
- इसके अतिरिक्त यह भी स्मरण रखने की बात है कि यदि लक्षण कैमोमिला के हों, तो वह रोग इस दवा से दूर हो जाएगा।
- मुख्यतः यह औषधि मन (Mind) की औषधि है, जहां से सब रोगों की उत्पत्ति होती है।
- यह देखा गया है कि व्यक्ति क्रोध (Anger) से इतना चिड़चिड़ा हो जाता है कि इसी से उसे पीलिया (Jaundice) हो जाता है। यदि माता क्रोध में बच्चे को दूध पिलाती है, तो वह दूध जहरीला (Toxic) हो जाता है।
- हनीमैन लिखते हैं कि कभी-कभी व्यक्ति को झुंझलाहट से इतना क्रोध आ जाता है कि उसे पित्त-ज्वर (Bilious fever) हो जाता है; चेहरा गर्म, बेहद प्यास, मुंह कड़वा, जी मिचलाना (Nausea), बेचैनी आदि लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं।
- अगर क्रोध के कारण ये लक्षण उत्पन्न हों, तो कैमोमिला से सारा क्रोध कुछ ही देर में शांत हो जाता है।
- क्रोध ही नहीं, अगर किसी रोग के साथ चिड़चिड़ापन (Irritability) लिपटा हुआ हो, तब भी इससे आराम होता है।
- एक रोगी गठिये (Rheumatism) से पीड़ित था, सो नहीं सकता था, रात को उठ कर घूमा करता था; इतना चिड़चिड़ा और बदमिजाज कि हद से बाहर। उसे कैमोमिला 200 की एक मात्रा ने नींद भी दी और सब तरह से वह अपने को बेहतर अनुभव करने लगा।
2. दर्द: जरूरत से ज्यादा अनुभव करना
- दर्द शान्त करने के लिये यह औषधि प्रसिद्ध है। रोगी थोड़े से भी दर्द में तिल का ताड़ बना देता है (Greatly exaggerates pain)।
- असहनीय पीड़ा: रोगी कहता है: 'ओह! मैं सहन नहीं कर सकता।' दर्द में कराहता है और झुंझलाने लगता है। दाढ़ निकालने के बाद यदि रोगी दर्द के मारे पैर पटक रहा हो, तो Chamomilla 200 उसे राहत देती है।
दर्द के साथ या दर्द के पीछे सुन्नपन (Numbness with or after Pain):
- इसके दर्द का एक विशेष-लक्षण यह है कि या तो दर्द के साथ, या दर्द के बाद, जिस अंग में दर्द होता है उसमें सुन्नपन (Numbness) आ जाता है।
- डॉ. नैश (Dr. Nash) एक रोगी का उल्लेख करते हुए लिखते हैं कि अपने प्रारंभिक दिनों में उन्हें एक मरीज से वास्ता पड़ा जिसके बायें कन्धे (Left Shoulder) में गठिये (Rheumatism) का दर्द था। उसे एकोनाइट (Aconite), ब्रायोनिया (Bryonia), और रस टॉक्स (Rhus Tox) दिया गया, परन्तु कुछ लाभ न हुआ। अन्त में, एक अनुभवी होम्योपैथ ने इस दर्द को कैमोमिला (Chamomilla) से ठीक कर दिया।
- जब डॉ. नैश ने इस होम्योपैथ से पूछा कि उन्होंने किस लक्षण पर कैमोमिला दिया, तो उन्होंने उत्तर दिया—'दर्द के साथ सुन्नपन।' इस रोगी में दर्द के बाद अंग सुन्न हो जाता था। इस औषधि से वह पूरी तरह ठीक हो गया।
3. बच्चों की दांत निकलते समय की शिकायतें (Complaints during Teething):
- कान का दर्द, पेट का दर्द, ऐंठन, हरे पालक के साग के-से दस्त तथा नींद न आना।
दांत का दर्द (Toothache):
- दांत के दर्द में इसका विलक्षण-लक्षण (Peculiar symptom) यह है कि यद्यपि रोगी ठंड से भय खाता है (Is afraid of cold) और गर्मी पसन्द करता है, तो भी दांत के दर्द में ठंडी चीज मुंह में रखने या ठंडा पानी मुंह में लेने से दांत का दर्द शांत हो जाता है।
कान का दर्द (Earache):
- दांत निकलते समय बच्चों को कान का दर्द भी हुआ करता है। कान के दर्द में बच्चा अपनी छोटी-सी मुट्ठी को कान के पास ले जाता है और चिल्लाता है। बच्चे की आवाज से ही माता पहचान लेती है कि वह तीव्र कर्ण शूल (Severe Otalgia) से दुःखी हो रहा है।
पेट का दर्द (Colic):
- बच्चे के पेट तथा आंतों के फूल जाने (Flatulence) से दर्द होता है। वह दोहरा हो-होकर (Doubling up) लोटने लगता है, रोता है, चिल्लाता है, गोद में रहना चाहता है, और झुंझलाया रहता है।
- कभी इस चीज़ को लेना चाहता है, कभी उसको, परंतु जो भी चीज उसके हाथ में दी जाए, उसे फेंक देता है। यह कैमोमिला (Chamomilla) का उदर शूल है, जो दांत के निकलने या उसके बिना भी हो सकता है।
ऐंठन (Convulsions):
- दांत निकलते समय बच्चे को ऐंठन भी होने लगती है। बच्चा अकड़ जाता है, आंखें घुमाने लगता है, चेहरा विकृत (Distorted) हो जाता है, मांस-पेशियां फड़कने (Twitching) लगती हैं। वह हाथ-पैर पटकता है, अंगूठा मोड़ लेता है, और शरीर पीछे की तरफ अकड़ाता है।
- जिन बच्चों को दांत निकलते समय तीव्र वेदना (Intense agony) सहनी पड़ती है, उनकी ऐंठन का यह रूप है जिसे यह औषधि शांत कर देती है।
हरे पालक के साग के-से दस्त (Greenish Diarrhea):
- गोद के बच्चे को इस समय हरे, पतले, लेसदार (Slimy) और प्रायः कतरे हुए (Chopped) पालक के साग की तरह के दस्त आते हैं।
नींद न आना (Sleeplessness):
- बच्चे के पेट में हवा भर जाने से दर्द हो, तो उसे नींद नहीं आती। वह नींद से चौंक कर (Startles) उठ जाता है। इस प्रकार नींद न आने पर कैमोमिला देना चाहिए।
- कभी-कभी बच्चा रात को उठकर खेलने लगता है, कोशिश किए भी सोता नहीं, बिल्कुल जागरूक (Wide awake) हो जाता है। ऐसी हालत मस्तिष्क के किसी आगन्तुक रोग (Impending cerebral trouble) की सूचक होती है और यह दांतों की वजह से भी हो सकता है। इस समय सिप्रिपीडियम (Cypripedium) के मूल-अर्क (Mother Tincture) की 4-5 बूंद गर्म पानी में देने से लाभ होता है, या निम्न-शक्ति कैमोमिला की मात्रा दी जा सकती है।
(4) इस औषधि के अन्य लक्षण (Other Symptoms):
i. गर्मी से दांत का दर्द बढ़ना:
- रोगी स्वभाव से 'ठंडे मिजाज' (Chilly patient) का होता है, इसलिए ठंड पसन्द नहीं करता। यह तो उसका 'व्यापक-लक्षण' (General symptom) है, परन्तु 'विशिष्ट-लक्षण' (Particular symptom) यह है कि दांत के दर्द में ठंडे पानी से आराम आता है।
- यह बात सिर्फ दांत के दर्द के विषय में ही ठीक है, क्योंकि कान के दर्द (Earache) में तो गर्मी से ही उसे आराम मिलता है।
ii. पैरों की जलन (Burning Soles):
- पैरों की जलन के लक्षण को सुनते ही कई लोग सल्फ़र (Sulphur) देने की जल्दी करते हैं, परन्तु कैमोमिला (Chamomilla) के मरीज़ के भी पैरों में जलन होती है।
iii. युवा-व्यक्ति का गठिये का दर्द (Rheumatism in Adults):
- यह समझना कि कैमोमिला सिर्फ बच्चों के दर्द में काम आता है, गलत है। युवा-व्यक्ति के दर्द, विशेषतः गठिये (Rheumatism) के दर्द में भी यह वैसे ही काम करता है जैसे बच्चे के दर्द को शान्त करने में।
- दर्द इतना होता है कि रोगी शान्त नहीं बैठ सकता, इधर-से-उधर फिरता है, बिस्तर में भी दर्द के कारण करवटें बदलता रहता है।
- कॉफिया (Coffea) और कैमोमिला को होम्योपैथी की अफ़ीम (Opium of Homeopathy - दर्द नाशक) कहा जाता है।
iv. नौ बजे रोग की वृद्धि (Aggravation at 9 O'clock):
- ज्वर (बूखार- Fever) में प्रातः 9 बजे (9 AM) रोग बढ़ जाता है, दर्द भी 9 बजे बढ़ता है, परन्तु दर्द प्रायः 9 बजे शाम (9 PM) को बढ़ता है।
v. एक गाल लाल, दूसरा पीला (One cheek red, other pale):
- बच्चे में यदि यह लक्षण पाया जाए, तो उसकी जो भी शिकायत होगी, इस औषधि से दूर होगी।
5. कैमोमिला का सजीव-चित्रण (Living Image of Chamomilla):
- रोगी में मानसिक-लक्षण (Mental symptoms) प्रधान होते हैं, प्रायः मानसिक-लक्षण ही प्रधान होते हैं। बच्चे, पुरुष, स्त्री—सब में इसके लक्षण पाए जाते हैं। रोगी बड़ा क्रोधी (Angry) और चिड़चिड़ा (Irritable) होता है; साधारण-सी पीड़ा को असह्य (Unbearable) कहता है।
- बच्चा चिड़चिड़ाता रहता है, कभी एक ओर कभी दूसरी चीज के लिए हाथ बढ़ाता है; दिए जाने पर पटक देता है। वह गोद में ही रहना चाहता है (Desire to be carried)।
- एक गाल लाल, दूसरा पीला (One cheek red, other pale) दिखाई देता है।
- दांत किटकिटाता है (Grinding teeth), कान में दर्द होने पर कान पर हाथ रखता है, पेट में दर्द होता है। हरे दस्त (Green stools) होते हैं, सोते-सोते चौंक पड़ता है (Startles during sleep)।
- डॉ. टायलर (Dr. Tyler) लिखती हैं कि इसका नाम अगर 'Cannot bear it' (इसे सह नहीं सकता) रख दिया जाए तो ठीक होगा; क्योंकि इसका रोगी न अपने को सह सकता है, न दूसरे को सह सकता है, न दर्द को सह सकता है; न किसी चीज़ के दिए जाने को सह सकता है, और न, न दिए जाने को सह सकता है—यह है मूर्त तथा सजीव चित्रण कैमोमिला का।
शक्ति तथा प्रकृति (Potency and Nature)
- शक्ति (Potency): 30, 200।
- प्रकृति (Nature): औषधि 'सर्द' (Chilly) प्रकृति के लिये है (रोगी को ठंड लगती है, पर दांत दर्द में ठंडा आराम देता है)।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: क्या Chamomilla केवल बच्चों के लिए है?
उत्तर: नहीं, यह वयस्कों (Adults) में भी क्रोध, चिड़चिड़ापन और असहनीय दर्द के लक्षणों पर बहुत अच्छा काम करती है।
प्रश्न 2: "एक गाल लाल और एक पीला" का क्या अर्थ है?
उत्तर: यह इस दवा का एक 'विशिष्ट लक्षण' (Keynote symptom) है। पाचन या दांतों की समस्या के समय बच्चे का एक गाल गरम और लाल होता है, जबकि दूसरा ठंडा और पीला होता है।
प्रश्न 3: दांत दर्द में इसे कब लेना चाहिए?
उत्तर: जब दर्द गर्मी से बढ़े और ठंडे पानी को मुँह में रखने से आराम मिले, तब यह बहुत प्रभावी है।